Haryanvi Short Story

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कोर्ट में एक कसूता मुकदमा आया
एक सिपाही एक कुत्ते नै बांधैं ल्याया

सिपाही नै जब कटघरे में आ कै कुत्ता खोल्या
कुत्ता रहग्या चुपचाप, मुँह-तैं कुछ ना बोल्या

नुकिले दाँदां में कुछ खून-सा नज़र आवै था
चुपचाप था कुत्ता, किसे तैं ना नजर मिलावै था

होया खड़या एक वकील
देण लाग्या दलील

बोल्या, यू ज़ालिम कसूता सै
जज सॉब यू कुत्ता सै

इसनै जो करणी कमाई सै
देख कै इन्सानियत घबराई सै

क्रुर सै, निर्दयी सै, इसनै घणी तबाही मचाई सै
दो दिन पहल्या जन्मी एक छोरी,
आपणे दाँदां तैं खाई सै

इब कतई ना देखो बाट
उतारो इसनै मौत के घाट

जज की आँख होगी लाल
तन्नैं क्यूँ खाई कन्या इसे ढाल

हुक्म सै इनै जिन्दा रहण ना दयो
कुत्ते का वकील बोल्या, इसन कुछ कहण तो दयो

फेर कुत्ते न मुँह खोल्या
सहज दे-सी वो बोल्या

हाँ, मन्नै वा कन्या खाई सै
अपणी कुत्तानियत निभाई सै

कुत्ते का धर्म सै ना दया दिखाणा
माँस चाहे किसा-ए हो, ओ-ए खा जाणा

पर मैं दया-धर्म तैं दूर नही
खाई तो सै, पर मेरा कसूर नही

मन्नै बेरा सै, जब वा छोरी गई बगाई थी
और कोय नही, उसकी माँ वाएं फैंकण आई थी

जब मैं उस कन्या के गया पास
उसकी आँख्यां मैं देख्या भोला विश्वास

जब वा मेरी जीभ देख कै मुस्काई थी
कुत्ता सूँ, पर उसनै मेरे अन्दर इन्सानियत जगाई थी

मन्नै सूंघ कै नै पैड, वो घर टोया था
जित माँ उसकी थी, अर बाबू भी सोया था

मन्नै कू-कू करकै वा माँ जगाई
पूछा तन्नै, कन्या क्यों बगाई

चॉल, मेरी गैल, उसनै लै कै आ
भूखी सै वा, उसनै अपणा दूध पिला

माँ सणते ही रोण लागगी
आपने दुखड़े धोण लागगी

बोली, कोन्या लाऊँ अपणै कॉलजे के टुकड़े नै
क्यूँ कर खोल बताऊँ अपने दिल के दुखड़ै नै

मेरे धोरै पहल्याँ ही चार छोरी सैं
दो नै बुखार सै, अर दो चटाई पै सो री सैं
मेरी सासू मारै सै तान्यां की मार

मन्नै पीटण आया मेरा भरतार
बोल्या, फेर छोरी ले आई
क्यूं कर ज़ांगी ये सारी ब्याही

वंश की तन्नै काट दी बेल
जा खत्म कर दे इसका खेल

माँ सूँ, पर थी मेरी लाचारी
ज्यातैं फैंक आई, छोरी प्यारी

कुत्ते का गॅला भरग्या
पर ब्यान वो पूरे करग्या
बोल्या, मैं फेर उल्टा आग्या

दिमाग पै मेरे धूम्मां छाग्या

वा छोरी गुट्ठा चूमण लाग री
हाँसी न्यू जाणे मेरी बाट में जाग री

कॉलजै पै धर लिया मन्नै पात्थर
थर-थर काँपयां मेरा ज़ॉथर

बोल्या, ऐ बोअली, जी कै, के करैगी
दूध नही, जहर सै, पी कै, के करैगी

हाम कुत्तां नै करे सै बदनाम
म्हारै तैं घिणौने करैं सैं काम

कदे ज़िन्दी अरक दे पेट मैं मरवावै सैं
अर आपणै आप नैं इन्सान बतावै सैं

मेरे गात मैं भय करगी उसकी मुस्कान
मन्नै इतणा तो लिया था ज़ॉण

जो समाज इसतैं नफरत करै सै
कन्या हत्या-सी गन्दी हरकत करै सै

उड़े तैं इसका जाणा आच्छा
इसका तो मर जाणा आच्छा

थाम लटकाओ मन्नै फांसी, चाहे मारो जूत्ते
पर टोह कै ल्याओ पहल्याँ वे इन्सानी कुत्ते
पर टोह कै ल्याओ पहल्याँ वे इन्सानी कुत्ते

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